Wednesday 15 January 2020

Sharabi ladki-kahani

शराबी लड़की

रात के ०१:०० बजे किरण अपने घर की ओर बढ़ी चली जा रही थी, वह नशे में थी फिर भी अपनी कार ध्यान से चला रही थी। उसने अपनी सहेली की जन्मदिन की पार्टी में केवल बीयर पी थी। ऐसे भी वह कभी कभी बीयर पी लेती थी। कभी कभी व्हिस्की के पैक भी ले लेती थी। घर पहुंचकर उसने देखा मां अभी तक जग रही है।

किरण : "मां मैंने आपको बताया था ना कि मै सहेली कि पार्टी में जाऊंगी देर रात तक आऊंगी।"

मां : "बेटी तेरी चिंता लगी रहती है, शराबी लड़की आजकल तो ऐसे ही अकेले घूमने का जमाना नी है फिर मेरी जवान बच्ची इतनी रात तक घर से बाहर रहेगी तो मुझे नींद कैसे आएगी।"



किरण : "मां बता के तो गई थी और क्या करू मै।

माँ : "अब जाके सो जा तू, सुबह बात करिए।"

मां को किरण के मुंह से शराब की बदबू अा रही थी इसलिए इस समय उसने सुमन से बात करना उचित नहीं समझा। उसने सोच लिया कि मेरे मां-बाप ने मेरी शादी एक शराबी के साथ करके मेरी जिंदगी बेकार कर दी, उपर से बेटे को भी शराब पीना सीखा दिया। इन दोनों की शराब तो मै छुड़ा नहीं पाई लेकिन बेटी को कोई बदचलन कहे ऐसा होने नी दूंगी मै। 

किरण सुबह फ्रेश मूड में उठी। उसे बहुत अच्छा लग रहा था उसने रात बीयर पी थी और उसके बाद पार्टी में मस्त डांस किया था। पार्टी में मजा अा गया था। बस कमी एक रह गई थी डांस और बीयर की मस्ती के चक्कर में उसने खाना नहीं खाया था। अब उसे पक्का पता था कि उसका मजा कमरे से बाहर निकलते ही मां खराब करने वाली है। उसने मस्त मूड से एक जोरदार अंगड़ाई ली और मां की डांट सुनने के लिए तैयार होकर कमरे से बाहर निकल गई। मां टेबल पर नाश्ता लगा रही थी। वह फ्रेश होकर नाश्ते की टेबल पर अा गई। नाश्ता करने के बाद उसने थोड़ी देर भाई से बात की और अखबार पढ़ा और उसके बाद ऑफ़िस जाने के लिए तैयार होने लगी। किरण सुबह से मां की डांट का इंतेज़ार कर रही थी। लेकिन अभी तक उसे डांट नहीं पड़ी थी। उस बड़ा अजीब लग रहा था। भाई और पापा अपने अपने ऑफिस जा चुके थे। वह भी अपने ऑफिस के लिए लेट हो रही थी वह मां के पास पहुचीं और पूछा

किरण : मां मै रात नशा करके अाई थी लेकिन आपने मुझे कुछ नहीं कहा।

मां : जो बाते मै तेरे पापा को कहूं, वे सुनती तो तू भी है फिर एक ही बात सब के सामने बार बार कहने का क्या फायदा। उस बात को सुनने के बाद भी तूने नशा किया तो अब मै तुझे क्या कहूं। 

मां गुस्से से बोली।

किरण : मां माफ कर दो।

मां : गलत शराब नहीं होती, गलत उसे पीने वाला और उसे समझने वाला होता है।

एक दिन किरण के छोटे मामा मामी उनके घर पर आए। बात ही बात में किरण कि मां और पिता ने किरण के नशे वाली बात उन्हें बता दी।

किरण की मामी बोली : "अगर शराब आदमी पिए तो सही औरत पिए तो इंसानियत खराब। जो चीज आदमी के लिए सही वह औरत के लिये खराब कैसे हो सकती है। औरत आदमी का सम्बन्ध प्राकृतिक है फिर किसी दिखावे की क्या जरूरत की हम औरत से दूर रहते है औरत से अपना ध्यान हटाओ कि वो क्या कर रही है अपने ऊपर लगाओ की हम क्या कर रहे है।"

किरण की मां :"मेरी बेटी कुछ भी करे लेकिन गलत कुछ नहीं करेगी" शराबी लड़की

मामी जी :"गलत से क्या मतलब है।"

किरण की मां :"किसी के साथ गलत काम करना"

मामी जी :"अगर उसने कुछ कर लिया और तुम्हे कुछ पता नी चला तो कुछ गलत काम नहीं होगा और अगर तुम्हे पता चल गया कि बेटी ने कुछ किया है तो गलत होगा। "

किरण की मां :"मतलब"

मामी जी :"मतलब अगर कुछ गलत होगा तो वो तुम्हारे करने से होगा। तुम्हारे शौर मचाने से होगा। बेटी के कार्य से नहीं। आजादी की इच्छा वो लड़की करती है जिसे घर में रोक कर रखा जाता है जो आजाद है वो कुछ गलत नहीं करेगी।

बात किरण की मां के समझ में अा गई। अब उसका मन शांत था। और वे मेहमानों के लिए खाना बनाने में लग गई।

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