Friday 17 January 2020

लड़की की जींस या आत्मविश्वास

"हमारे पूर्वजों ने औरत आदमी के एक जैसे कपड़े बनाये थे हमने उन्हें अलग अलग कर दिया। अंग्रेजो की हिरस करके हमने खुद तो अपनी धोती कुर्ता छोड़ पैंट शर्ट पहन ली लेकिन औरत को वही रखा धोती या साड़ी में। अब अगर वो बदल रही है तो वो 1930 के हिसाब से नहीं, आज के हिसाब से ही बदलेगी। आज भी, जो कपड़े औरत पहनती है, ये कपड़े औरत नही आदमी ही बनाते हैं जिनमे औरत का बदन चमकता हैं। बस उनका तो केवल दोष हैं बाकी सब हम ही करते है। इसके बाद भी औरत अपने पिता भाई या पति को विस्वास में लेकर ऐसे कपड़े पहनती हैं।"
गुस्से में ये कहकर रीता की मां अरुणा खड़ी हो गई। और अपने घर चली गई। सभी औरतें आपस में खुसर पुसर करने लगी। 

पांच दिन बाद गांव में रणधीर की लडकी की शादी है। आज मेहंदी की रस्म का दूसरा दिन है गांव की सभी औरतें मेहदी की रस्म पर अपने परम्परागत गीत गाने के लिए इकट्ठी हुई थी और उन्होंने अरुणा की बेटी रीता के जींस पहनने को लेकर कुछ कह दिया था। जिसका अरुणा ने इस प्रकार जवाब दिया।

माता पिता की लाडली रीता एक व्यावहारिक लड़की थी। वह शहर में पढ़ने के लिए जाती थी। वह किसी भी तरह के काम को करने से नहीं कतराती थी वह किसी भी मायने में अपने आपको लडको से कम नहीं मानती थी उसका मानना था लडकी की कमजोरी उसकी कमजोर सोच होती है  न कि उसका शरीर।

शहर में रीता कॉलेज के बाद एक ट्रक ट्रांसपोर्टर के बेटे को ट्यूशन पढ़ाया करती थी। अपने सभी काम वो खुद ही किया करती थी। 

एक दिन रीता विज्ञान कम्पिटीशन के लिए अपने स्कूल की तरफ से दूसरे शहर में गई थी। जाते समय तो मां ने कुछ नहीं कहा लेकिन गांव वाले क्या कहेंगे कि रात को बेटी को शहर में भेज दिया यही सोच कर उस रात आधी रात को उसकी मां को अचानक दिल का दौरा पड़ गया। पापा परेशान हो गए क्योंकि अरुणा जी को शहर ले जाना बहुत जरूरी था लेकिन गांव में कोई साधन नहीं था। रात में ही पूरा गांव उनके घर में मदद के लिए इकट्ठा हो गया लेकिन अरुणा जी को शहर के अस्पताल कैसे पहुंचाया जाए। किसी ने रीता को फोन करके बता दिया कि उसकी मां को हार्टअटैक आया है। रीता ने पापा से बात की और कुछ करने का आश्वासन दिया। आधे घंटे में करुणा जी को लेने के लिए एक गाड़ी आकर उनके घर के बाहर रुकी, ड्राइवर ने वहां खड़े लोगों से पूछा रीता का घर कहा है। सभी ने बताया यही है रीता का घर। यह देख कर रीता के पिता का सीना फक्र से चौड़ा हो गया, उन्हें फक्र हुआ कि रीता उनकी बेटी है। 

आज मां ठीक हो कर घर वापस अा गई थी। पूरा गांव इस बात से खुश था। सब जानते थे रीता की व्यावहारिकता के कारण ही करुणा जी जीवित थी वरना कुछ भी हो सकता था। मां के पूछने पर रीता ने बताया कि जहां वो ट्यूशन पढ़ाती है उन अंकल का ट्रांसपोर्ट का काम है उनसे रिक्वेस्ट किया। उन्होंने एक कार ट्रांसपोर्ट वाले को फोन करके गाड़ी भिजवाई। 

अगले दिन जब रीता कॉलेज के लिए जाने के घर से निकली तो उसने देखा उसके गांव की कमला और विनीता आज जींस पहने थी। रीता ने जब विनीता से पूछा तो विनीता ने बताया कि उसके पापा को रीता जैसी बेटी चाहिए।

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