सजा
एक बार की बात है अमेरिका में एक पति पत्नी रहते थे पीटर और जूलियस। दोनों ही नौकरी करते थे। दोनों में बिलकुल भी नहीं बनती थी। पीटर की कही बाहर कोई महिला मित्र थी वह ज्यादातर समय उसी के साथ बिताता था। यही उन दोनों के बीच अनबन का कारण था।
अपने पति की इस आदत से परेशान होकर जूलियस ने पीटर को तलाक देने का फैसला किया। लेकिन पीटर तैयार नहीं हुआ। जूलियस ने पीटर के ऊपर कोर्ट में केस कर दिया। अमेरिकी कानून के अनुसार दोनों पति पत्नी में जिसकी आय कम या नहीं होती है वह दूसरे से हर्जाने की मांग कर सकता है क्योंकि जूलियस की आय ज्यादा थी इसलिए पीटर ने तलाक देने के लिए जूलियस से 12000 डॉलर का हर्जाना माँगा। रकम बहुत बड़ी थी इसलिये जूलियस ने पहले तो मना किया लेकिन कोर्ट का फैसला आने के बाद वो मान गयी क्योकि उसका पीटर से पीछा छूट रहा था।
जूलियस इतनी आसानी से पीटर को पैसे नहीं देना चाहती थी क्योंकि पीटर ने जूलियस को बहुत परेशान किया था और अब हर्जाना भी वही दे रही थी।
जूलियस ने अपने बैंक मैनेजर से बात की। उसने कहा कि वह पीटर को कुछ नहीं देना चाहती। बैंक मैनेजर ने उसको बताया कि कोर्ट का आदेश तो मानना होगा। लेकिन एक युक्ति है जिससे पीटर को अपने किये पर पछतावा हो। जूलियस को बैंक मैनेजर की बात पसंद आयी। उसने पीटर को बैंक में अपने पैसे लेने के लिए बुलाया। पीटर को 12000 डॉलर का पेमेंट दे दिया लेकिन सभी 12000 डॉलर 10 सेंट के सिक्कों में थे। इसलिए पीटर भी उनका कोई सही इस्तेमाल नहीं कर सका और अपने किये पर बहुत पछताया।
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