मां, रामेश्वरी, ने आवाज लगाई, "अरे अर्जुन, एक गिलास पानी का दिए।"
अर्जुन, "मम्मी, पढ़रा मै, अपने आप लेले"
अर्जुन मां बाप की एक नहीं सुनता था। माता पिता की सेवा तो बिलकुल नहीं करता था. आवारा तो नहीं था लेकिन घर के छोटे छोटे काम नहीं करता था। एक दिन पापा, रणधीर, ने अर्जुन को दादी की दवाई लाने के लिए कहा तो उन्हें बोल दिया कि जब आप ऑफिस से आओगे, आते हुए ले आना, मेरे पास टाइम नहीं है मुझे अपने दोस्त के पास जाना है।
अर्जुन और रीमा दो बच्चे थे रणधीर जी के। वे अपने दोनो बच्चो को बहुत प्यार करते थे। वे उन्हें पढ़ाई पर ध्यान देने को कहते थे। वे कहते तुम्हारा काम पढ़ना है तुम अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो, अपना काम हम अपनेआप कर लेंगे। रीमा मां का काम में हाथ बंटाती थी। दोनो भाई बहन मां लगाकर पढ़ते थे। रीमा का अपनी क्लास में पहला स्थान आया था और अर्जुन क्लास में दूसरे स्थान पर आया था। पापा बहुत खुश थे। मां ने उस दिन सबके लिए पूरी कचोरी बनाई और पापा ने सबको लड्डू बांटे।
अब दोनो बच्चे जवान हो गए थे रीमा की शादी हो चुकी थी। बड़े धूमधाम से बेटे की भी शादी की गई। एक सुंदर सी लड़की, ऐश्वर्या बहू बनकर घर में अाई। सब बहुत खुश थे।
बहू भी बहुत अच्छी थी। सब से अच्छे से बोलती थी। आते ही पूरा घर संभाल लिया था। लेकिन धीरे धीरे वो भी अर्जुन के रंग में रंगने लगी। घर के सारे काम अच्छे से करती, माता पिता की सेवा, खाने पानी का पूरा ध्यान रखती, लेकिन उनके पास दो घड़ी बैठती नहीं थी।
फिर एक दिन अर्जुन और एश्वेर्य का किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। सभी एश्वेरया को कहने लगे कि तू अर्जुन कि बात क्यों नहीं सुनती है। अभी तुम्हारा भाई अा जाए तो भागी भागी फिरोगी। ऐश्वर्या को ये बाते अच्छी नहीं लगी, घर में झगड़ा बढ़ गया। अर्जुन कहने लगा कि तुम मेरे मां बाप की सेवा नहीं करती हो। इस पर ऐश्वर्या बोली कि सब कुछ तो करती हूं और क्या चाहिए। बात बढ़ गई, ऐश्वर्या के मायके वालों को बुलावा भेजा गया।
ऐश्वर्या के पापा, फूफा, दोनो भाई और दो पड़ोसी अा गए। सब बाते सुनने पर शिकायत पता चली कि ऐश्वर्या सास ससुर कि सेवा नहीं करती है।
ऐश्वर्या के फूफाजी बोले :
"सास ससुर, माता पिता की सेवा बच्चों पर निर्भर करती हैं अगर बेटा माँ बाप की पूरी सेवा करता है तो बहु तो अपने आप ही करती है फिर उसे कुछ कहने की जरूरत नही होती। अगर परिवार साधारण है ओर बहु से सास ससुर की सेवा की इच्छा रखी जाती हैं तो वहाँ कलह ही होती है सेवा नही।जिस परिवार में सेवा भाव का प्रचलन नही है वहाँ बाहर से आई लड़की से कैसे हम ऐसी इच्छा रख सकते है सेवा करने की जिम्मेदारी अपने बच्चों की होती है बहुओं की नही।"
ऐश्वर्या के पापा बोले, "हम अपने बच्चो को पालपोष कर इसलिए बड़ा करते है कि वे बुढ़ापे में हमारी सेवा करेंगे और अगर बच्चे सेवा नहीं कर रहे है तो बहू और दामाद ही क्यों करेंगे।"
सारी गलती अर्जुन की निकली। उसे समझाया गया। बेटा तुम्हारे मां बाप है तुम अपने माता पिता की सेवा करो ऐश्वर्या तो अपने आप ही करेगी।
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