Friday 8 May 2020

झूठा प्यार

झूठा प्यार

जब सुमन शादी करके अपने ससुराल पहुंची तो वहाँ अपने पति का प्यार और ननंद के द्वारा दिए जाने वाले सम्मान और प्यार को देखकर बहुत ही खुश हुई। ननंद शादीशुदा थी इसलिए जल्दी ही वो चली गयी। घर में अब उसके पति, सास और वो ही बचे थे बाकी सब चले गए थे।

सुमन के पिता एक आयुर्वेदिक वैध थे। सुमन अपने घर की इकलौती बेटी थी इसलिए उसका लालन पालन बड़े ही लाड़ प्यार से हुआ था।



सास बहु में अक्सर बनती नहीं थी सास अपनी पड़ोसिनों से बात करते हुए अपनी बहू की बहुत बुराई करती थी। सुमन को यह बिलकुल भी पसंद नहीं था। दोनों में अकसर झगड़ा होता रहता था। सास सुमन को बहुत उल्टा सीधा बोलती थी और सुमन भी पीछे नहीं रहती थी। सुमन अपनी सास का बिलकुल भी ध्यान नही रखती थी। यहां तक कि खाना भी समय पर नहीं देती थी। राखी के त्यौहार पर सुमन जब अपने मायके गयी तो उसने अपने पिता से कहा कि उसे एक ऐसा जहर चाहिए जो धीरे धीरे असर करे। पिताजी ने पूछा कि वो क्या करेगी तो सुमन ने बताया वह अपनी सास को मारना चाहती है।

सुमन के पिताजी ने उसे बहुत समझया लेकिन सुमन अपनी बात पर अड़ी रही। आखिर में हार कर सुमन के पिताजी मान गए। उन्होंने सुमन को एक पुड़िया दी और बोले कि इसको एक एक चुकटी सुबह दोपहर शाम तीनो टाइम अपनी सास के खाने में डालते रहना। छः महीने पूरे होते ही वह अपने आप ही मर जायेगी। पिताजी ने सुमन को समझाया कि वो अपनी सास की सेवा करने का नाटक करे जिससे तुम्हारी सास के मरने के बाद कोई शक न कर सके। उन्होंने बताया, इस जहर का पता डॉक्टर भी नहीं लगा सकता।

सुमन अपनी ससुराल वापस लौट आयी। वह मन ही मन बहुत खुश थी। अब उसे अपनी सास से छुट्टी मिलने वाली थी। 

कपडे बदल कर उसने चाय बनायी। पुड़िया खोलकर एक चुटकी चाय के एक कप में डालकर उसे अपनी सास के पास ले गयी। सुमन को चाय के कप के साथ देखकर उसकी सास चोंक गयी और चाय का कप लेते हुए बोली कही तू इसमें जहर डालकर तो नहीं लायी। रात में भी सुमन ने समय पर खाना दिया और आधे घंटे तक अपनी सास के पास ही बैठी रही। सास उससे बोलती रही मारेगी क्या मुझे तू इतनी अच्छी कैसे हो गयी।

ये सब रोज की आदत हो गयी। सुमन अपनी सास की सेवा करती थी दोनों अब बाते भी करने लगी थी। तीन महीने बीत गए, सुमन की सास अब पड़ोसियों के सामने सुमन की तारीफ करने लगी और सुमन को आशीर्वाद भी देती थी। 

अब जब सुमन की सास की मौत की तारीख नजदीक आ रही थी तो सुमन को फिक्र होने लगी वह सोचने लगी कि उसे ये क्या हो रहा है उसकी सास मरने वाली है वो भी तो यही चाहती थी। वो बेचैन रहने लगी। अब वो नहीं चाहती थी कि उसकी सास मर जाए। उसकी सास अब उसे बहुत प्यार करती थी।

सुमन अपनी तबियत खराब होने का बहाना बना कर अपने पिताजी के पास गयी और अपने पिताजी से उस जहर की काट देने को कहा जो वह अपनी सास को देती थी। वह अब अपनी सास को मारना नहीं चाहती थी।

सुमन की बात सुनकर सुमन के पिताजी बहुत जोर से हंसे और बोले तू चिंता मत कर उस पुड़िया में जहर नहीं हाजमे की दवाई थी। 

सुमन के पिताजी ने कहा बेटा प्यार तो वो चीज है अगर तुम किसी से झूठा भी करो तो तुम्हे और सामने वाले, जिसे तुम प्यार करते हो असीम संतुष्टि देता है। कोई भी ज्यादा लंबे समय तक झूठा प्यार नहीं कर सकता। उसका प्यार अपने आप ही सच्चा हो जाता है। 

ना तो 05 मिनेट तक चेहरे पर झूठी मुस्कराहट को रखा जा सकता है ना ही किसी के साथ, साथ रहकर 6 महीने झूठा प्यार किया जा सकता है।

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