Friday 29 May 2020

परवरिश

परवरिश

रहमनगर के ठाकुर दुर्जन सिंह एक कर्मठ और बहुत ही दयालु इंसान थे।  वे अपने गांव के लोगो पर तनिक भी परेशानी नहीं आने देते थे, किसी को कोई परेशानी हुई नहीं कि ठाकुर साहब उसकी परेशानी दूर करने पहुँच जाते थे। तीन बेटियों के अलावा ठाकुर साहब का एक बेटा भी था, ठाकुर प्रताप। ठाकुर साहब ऐसी कोई समस्या पैदा नहीं होने देते थे जो उनके बेटे को परेशान करे। ठाकुर प्रताप पिता द्वारा दी गयी छूट का कोई गलत फायदा नहीं उठाता था, वो भी एक अच्छा बेटा था बहुत ही सीधा सच्चा इंसान। जब प्रताप के स्कुल के एग्जाम होते थे तो ठाकुर साहब, प्रताप को पास कराने के लिए मास्टर जी के पास पहुँच जाते थे। किसी भी खेल को सही से न खेल पाने के बावजूद वह स्कूल की हॉकी टीम का सदस्य था, ठाकुर साहब की कृपा से।

Saturday 16 May 2020

बेटी या बहु

बेटी या बहु

जिया रवि के साथ नयी नयी शादी करके ससुराल आयी थी। उसके ससुराल वाले परंपरावादी लोग थे। लेकिन रवि के परिवार वाले रवि के साथ कही घूमने जाने, सिनेमा हॉल में फिल्म देखने या घर में तरह तरह के कपड़े पहनने को कभी भी न तो मना करते थे न कोई बात करते थे। अपने ससुराल वालों के प्यार और व्यवहार से जिया बहुत खुश थी।

Monday 11 May 2020

प्यार का मतलब

प्यार का मतलब

निशा और संजय कॉलेज में साथ साथ पढ़ते थे। दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे। दोनों ने ही साथ साथ जीने मरने की कसम खा रखी थी। 

दोनों ने अपने घर वालो की सहमति लेकर शादी करने का फैसला किया। निशा ने अपनी माँ से बात करने का फैसला किया जिससे वो पापा से बात कर ले। निशा ने अपनी माँ से कहा कि वो कॉलेज में एक लड़के से प्यार करती है और उससे शादी करना चाहती है। ये सुनते ही माँ का पारा चढ़ गया और बोली, "पढ़ने के बजाय तुझे शादी की ज्यादा जल्दी होरी, पढ़ना तो बस्का है नी, तुझे पढ़ने के लिए भेजा था कॉलेज, जब शादी का समय आएगा, तो तेरी शादी भी कर देंगे, घर में क्वारी बैठा के ना रखने के।"

Friday 8 May 2020

झूठा प्यार

झूठा प्यार

जब सुमन शादी करके अपने ससुराल पहुंची तो वहाँ अपने पति का प्यार और ननंद के द्वारा दिए जाने वाले सम्मान और प्यार को देखकर बहुत ही खुश हुई। ननंद शादीशुदा थी इसलिए जल्दी ही वो चली गयी। घर में अब उसके पति, सास और वो ही बचे थे बाकी सब चले गए थे।

सुमन के पिता एक आयुर्वेदिक वैध थे। सुमन अपने घर की इकलौती बेटी थी इसलिए उसका लालन पालन बड़े ही लाड़ प्यार से हुआ था।

कहानी प्रगति की

प्रगति एक औसत दर्जे की लड़की थी पढाई में भी कुछ खास नहीं थी। गेंहुए रंग के साथ उसका नाक नक्श बहुत अच्छा लगता था। 10वीं पास करने के बाद माँ ...