Friday 12 June 2020

कहानी प्रगति की

प्रगति एक औसत दर्जे की लड़की थी पढाई में भी कुछ खास नहीं थी। गेंहुए रंग के साथ उसका नाक नक्श बहुत अच्छा लगता था। 10वीं पास करने के बाद माँ बाप ने उसे किसी के कहने पर आत्मनिर्भर बनाने के लिए आई टी आई करा दी जिसमे प्रगति ने साबुन, सैनेटिज़र और हैण्डवाश बनाना सीखा। लेकिन इन सब का कोई फायदा नहीं हुआ। प्रगति के पिता ने आई टी आई का रिजल्ट आते ही उसकी शादी कर दी।

शादी करके जब प्रगति अपने ससुराल गयी तो उसने देखा कि परिवार के सब सदस्य उसका बहुत ध्यान रख रहे है। वह बहुत खुश थी। अभी चार पाँच दिन ही बीते थे, प्रगति का पति बिशन एक रात शराब में टुन्न होकर आया। प्रगति की सास ने बिशन को पकड़ कर सुला दिया। प्रगति को डरा हुआ देख उसकी सास ने प्रगति से कहा, कभी कभी पी लेता है।

दो दिन बाद फिर बिशन शराब पीकर आया और साथ में एक दारू की बोतल भी लाया। जिसे आते ही बिशन पीने के लिए खोलने लगा और जब प्रगति ने मना किया तो बिशन ने उसकी पिटाई करनी शुरू कर दी। उसकी सास ने भी प्रगति को ही गलत बताया। सास ने कहा, वो तो नशे में था तू तो ठीक थी। जो कहना था बाद में कह देती। 

दो दिन बाद बिशन फिर शराब पीकर आया। इस बार प्रगति ने उसे कुछ नहीं कहा और चुपचाप अपने बिस्तर पर लेट गयी। थोड़ी देर बाद बिशन प्रगति के पास आया और उसकी पिटाई करने लगा और साथ में बोले जा रहा था, मुझे बेवकूफ समझा है ना मुझे खाने को पूंछरी ना पानी को।

सुबह जब बिशन अपने काम पर चला गया तो प्रगति ने अपना सामान पैक किया और अपने माँ बाप के घर चली आई। लेकिन कुछ दिन बाद वहां उसके माँ बाप और भाइयो की लंबी नाक और इज्जत बीच में आने लगी और वे उस पर ससुराल जाने का प्रेशर डालने लगे। प्रगति ने परेशान होकर माँ बाप का घर भी छोड़ दिया और गांव में ही एक घर किराये पर लेकर रहने लगी। गांव में छोटी मोटी मजदूरी के साथ वह गांव के मंदिर में चढ़ने वाले फूलो से साबुन और सैनेटाइज़र बनाने लगी। गांव का ही एक बेरोजगार लड़का उस सामान को शहर पंहुचा देता था। प्रगति ने आई टी आई से ट्रेनिंग ले रखी थी उसका मॉल बहुत अच्छा था साथ में अपने ब्लॉक में जाकर प्रगति ने अपने नाम से एक स्वयं सहायता समूह भी बनवा लिया था। प्रगति का काम बहुत अच्छा चल रहा था। 

अब बहुत बड़ी नाक और भयानक इज्जत वाले प्रगति के दोनों भाई और पिता भी प्रगति के साथ ही काम करते थे। प्रगति का पति उसके पास कई बार आया लेकिन उसने उसे अपने पास भी नहीं फटकने दिया। 

Friday 29 May 2020

परवरिश

परवरिश

रहमनगर के ठाकुर दुर्जन सिंह एक कर्मठ और बहुत ही दयालु इंसान थे।  वे अपने गांव के लोगो पर तनिक भी परेशानी नहीं आने देते थे, किसी को कोई परेशानी हुई नहीं कि ठाकुर साहब उसकी परेशानी दूर करने पहुँच जाते थे। तीन बेटियों के अलावा ठाकुर साहब का एक बेटा भी था, ठाकुर प्रताप। ठाकुर साहब ऐसी कोई समस्या पैदा नहीं होने देते थे जो उनके बेटे को परेशान करे। ठाकुर प्रताप पिता द्वारा दी गयी छूट का कोई गलत फायदा नहीं उठाता था, वो भी एक अच्छा बेटा था बहुत ही सीधा सच्चा इंसान। जब प्रताप के स्कुल के एग्जाम होते थे तो ठाकुर साहब, प्रताप को पास कराने के लिए मास्टर जी के पास पहुँच जाते थे। किसी भी खेल को सही से न खेल पाने के बावजूद वह स्कूल की हॉकी टीम का सदस्य था, ठाकुर साहब की कृपा से।

Saturday 16 May 2020

बेटी या बहु

बेटी या बहु

जिया रवि के साथ नयी नयी शादी करके ससुराल आयी थी। उसके ससुराल वाले परंपरावादी लोग थे। लेकिन रवि के परिवार वाले रवि के साथ कही घूमने जाने, सिनेमा हॉल में फिल्म देखने या घर में तरह तरह के कपड़े पहनने को कभी भी न तो मना करते थे न कोई बात करते थे। अपने ससुराल वालों के प्यार और व्यवहार से जिया बहुत खुश थी।

Monday 11 May 2020

प्यार का मतलब

प्यार का मतलब

निशा और संजय कॉलेज में साथ साथ पढ़ते थे। दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे। दोनों ने ही साथ साथ जीने मरने की कसम खा रखी थी। 

दोनों ने अपने घर वालो की सहमति लेकर शादी करने का फैसला किया। निशा ने अपनी माँ से बात करने का फैसला किया जिससे वो पापा से बात कर ले। निशा ने अपनी माँ से कहा कि वो कॉलेज में एक लड़के से प्यार करती है और उससे शादी करना चाहती है। ये सुनते ही माँ का पारा चढ़ गया और बोली, "पढ़ने के बजाय तुझे शादी की ज्यादा जल्दी होरी, पढ़ना तो बस्का है नी, तुझे पढ़ने के लिए भेजा था कॉलेज, जब शादी का समय आएगा, तो तेरी शादी भी कर देंगे, घर में क्वारी बैठा के ना रखने के।"

Friday 8 May 2020

झूठा प्यार

झूठा प्यार

जब सुमन शादी करके अपने ससुराल पहुंची तो वहाँ अपने पति का प्यार और ननंद के द्वारा दिए जाने वाले सम्मान और प्यार को देखकर बहुत ही खुश हुई। ननंद शादीशुदा थी इसलिए जल्दी ही वो चली गयी। घर में अब उसके पति, सास और वो ही बचे थे बाकी सब चले गए थे।

सुमन के पिता एक आयुर्वेदिक वैध थे। सुमन अपने घर की इकलौती बेटी थी इसलिए उसका लालन पालन बड़े ही लाड़ प्यार से हुआ था।

Tuesday 28 April 2020

दुश्मन कौन

एक बार एक घमंडी कोबरा सांप जंगल में घूम रहा था। घूमते हुए उसके रास्ते में एक आरी आ गयी जो शायद किसी लकड़ी काटने वाले की रह गयी थी। सांप को यह देखकर बहुत गुस्सा आया कि एक आरी ने उसका रास्ता रोक लिया है। उसने आरी को सबक सिखाने के लिए उसे जकड़ लिया और उसे काटने लगा। जैसे ही सांप ने आरी को तोड़ने के लिए और तेज जकड़ा, सांप टुकड़े टुकड़े होकर बिखर गया। 

आप कई बार अपने से बड़ो को गलत बता कर उन्हें नुकसान पहुचाने की कोशिश करते है या फिर आप कही काम करते है और किसी बात पर अपने बॉस से लड़ने लगते है और कही ना कही उसका नुकसान करने की कोशिश करते है। तो सब गलत है क्योंकि कई बार तो बॉस या आपके बड़ो को पता भी नहीं चलता और अगर पता चलता है तो वह आपका बिलकुल भी नुकसान करना नहीं चाहता, उसका आपको नुकसान पहुचाने का कोई उद्देश्य नहीं होता और आप अपने ही कामो से खतम हो जाते है या आपका बहुत नुकसान हो जाता है, ज्यादातर केस में आपकी नौकरी चली जाती है और मालिक पर कोई असर नहीं पड़ता।

अगर आपके पास साईकिल है तो आपको मोटरसाइकिल का सम्मान करना चाहिए और उसे पैहले रास्ता देना चाहिए। मोटरसाइकिल वाले को कार का सम्मान करना चाहिए, कार को बस या ट्रक का। अगर ऐसा हो तो रोड पर बिलकुल भी एक्सीडेंट नहीं होंगे। 

बात सम्मान की है। अपने से बड़ो का सम्मान हमें सुरक्षित और सम्माननीय बनाये रखता है।

Saturday 25 April 2020

सजा

सजा

एक बार की बात है अमेरिका में एक पति पत्नी रहते थे पीटर और जूलियस। दोनों ही नौकरी करते थे। दोनों में बिलकुल भी नहीं बनती थी। पीटर की कही बाहर कोई महिला मित्र थी वह ज्यादातर समय उसी के साथ बिताता था। यही उन दोनों के बीच अनबन का कारण था।

अपने पति की इस आदत से परेशान होकर जूलियस ने पीटर को तलाक देने का फैसला किया। लेकिन पीटर तैयार नहीं हुआ। जूलियस ने पीटर के ऊपर कोर्ट में केस कर दिया। अमेरिकी कानून के अनुसार दोनों पति पत्नी में जिसकी आय कम या नहीं होती है वह दूसरे से हर्जाने की मांग कर सकता है क्योंकि जूलियस की आय ज्यादा थी इसलिए पीटर ने तलाक देने के लिए जूलियस से 12000 डॉलर का हर्जाना माँगा। रकम बहुत बड़ी थी इसलिये जूलियस ने पहले तो मना किया लेकिन कोर्ट का फैसला आने के बाद वो मान गयी क्योकि उसका पीटर से पीछा छूट रहा था।

जूलियस इतनी आसानी से पीटर को पैसे नहीं देना चाहती थी क्योंकि पीटर ने जूलियस को बहुत परेशान किया था और अब हर्जाना भी वही दे रही थी।

जूलियस ने अपने बैंक मैनेजर से बात की। उसने कहा कि वह पीटर को कुछ नहीं देना चाहती। बैंक मैनेजर ने उसको बताया कि कोर्ट का आदेश तो मानना होगा। लेकिन एक युक्ति है जिससे पीटर को अपने किये पर पछतावा हो। जूलियस को बैंक मैनेजर की बात पसंद आयी। उसने पीटर को बैंक में अपने पैसे लेने के लिए बुलाया। पीटर को 12000 डॉलर का पेमेंट दे दिया लेकिन सभी 12000 डॉलर 10 सेंट के सिक्कों में थे। इसलिए पीटर भी उनका कोई सही इस्तेमाल नहीं कर सका और अपने किये पर बहुत पछताया।

कहानी प्रगति की

प्रगति एक औसत दर्जे की लड़की थी पढाई में भी कुछ खास नहीं थी। गेंहुए रंग के साथ उसका नाक नक्श बहुत अच्छा लगता था। 10वीं पास करने के बाद माँ ...