Thursday 23 April 2020

तेजाब के ऊपर तेजाब

तेजाब के ऊपर तेजाब

"उसका नाम सुनैना है कल ही उसने उस गली के सामने वाला फ्लैट किराये पर लिया है" नीरज ने तपन को बताया। 
तपन, "यार इसकी आँखे तो बड़ी ही कातिल है ये तेरी भाभी बनेगी।

तपन, नीरज, रोहन और राजा मवाली किस्म के लड़के थे और आते जाते लड़कियों को परेशान किया करते थे। वे किसी ना किसी से झगड़ा करते ही रहते थे। 

सुनैना जब भी अपने फ्लैट से निकलती थी हमेशा मुँह पर दुपट्टा लपेट कर निकलती थी। उसे देख कर तपन कहता कि ये आजकल की लड़कियों को क्या हो गया है सब मरजीना बन कर फिरती है अब ये मरजीना बनेगी तो 40 चोर तो पीछे पड़ेंगे ही। लेकिन वे सुनैना पर रोज छीटाकशी करते और सुनैना अपनी स्कूटी पर अपने ऑफिस चली जाती। वह कुछ नहीं बोलती थी। 

अब तो तपन सुनैना का रास्ता भी रोकने लगा था वह उसे रास्ते में रोक कर जबरदस्ती उपहार देता और गंदे गंदे कमेंट करता। सुनैना को उसका चेहरा दिखने के लिए कहता। लेकिन सुनैना तपन को बिलकुल भी भाव नहीं देती थी। 

जब तपन को लगने लगा की यहाँ उसकी दाल नहीं गलने वाली। तो उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर सुनैना के चेहरे पर तेजाब डालने का एक घिनोना प्लान बनाया। जब सुनैना अपने फ्लैट से निकली तो उन चारो ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया और एक सुनसान जगह पर उन्होंने सुनैना को रोक लिया। तपन ने जैसे ही उसके चेहरे पर तेजाब डालने के लिए उसके चेहरे से उसका दुपट्टा हटाया उसकी चीख निकल गयी और तेजाब की शीशी हाथ से छूट कर नीचे गिर गयी।

सुनैना का पूरा चेहरा पहले से ही तेजाब से जला हुआ था सिर्फ उसकी आंखें ही बची हुई थी। चारो लड़के चीखते हुए भाग गए। सुनैना ने अपना दुपट्टा अपने चेहरे पर लपेटा और अपने ऑफिस की ओर चल दी।

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