एक आठ साल का बच्चा प्रतिदिन अपने घर से निकलता और दो घंटे बाद वापस आता। ऐसा कई दिनों से चल रहा था। बच्चे की मम्मी ने बच्चे के पिता को यह बात बताई। पिता ने मम्मी को अस्वासन दिया कि कल वह खुद बच्चे पर ध्यान रखेंगे।
अगले दिन ऑफिस से आधे दिन की छुट्टी लेकर पिता घर जल्दी आ गए। जैसे ही बच्चा घर से निकला, पिता ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया। बच्चा काफी दूर तक चलने के बाद एक खंडर के पास पहुंचा। जहाँ दो घायल हुए कुत्ते थे शायद उन्हें दूसरे कुत्तो ने घायल कर दिया था। बच्चे ने उन्हें खाना खिलाया, पानी से उनके घाव साफ किये और वापस अपने घर की ओर चल दिया। घर पहुचकर पिता ने सारी बात मम्मी को बताई।
उस दिन के बाद बच्चे को झूठ बोल कर बाहर जाने की जरुरत नहीं पड़ी। मम्मी उसे खुद खाना दे देती।
अच्छे काम करने की कोई उम्र नहीं होती। अगर इच्छा है तो हम कभी भी कुछ भी कर सकते है। ना बुढ़ापा अड़चन बनता है ना ही बचपन।
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